करो योग रहो निरोग, योग कैसे करें

करो योग, रहो निरोग: सम्पूर्ण स्वास्थ्य का मंत्र
करो योग रहो निरोग
“करो योग, रहो निरोग” सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि सम्पूर्ण जीवन जीने की एक शैली है। आज जब दुनिया अनेक शारीरिक और मानसिक रोगों से जूझ रही है, योग एक ऐसा माध्यम बनकर उभरा है जो व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आत्मिक रूप से सशक्त बनाता है। यह लेख योग के इतिहास, वैज्ञानिक लाभ, प्रकार, दिनचर्या में शामिल करने के उपाय और आधुनिक जीवन में इसकी प्रासंगिकता को समर्पित है।

1. योग क्या है?

योग संस्कृत शब्द “युज” से बना है, जिसका अर्थ है "जोड़ना"। योग आत्मा और परमात्मा के मिलन का मार्ग है। यह केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन का एक सम्पूर्ण विज्ञान है जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलन में लाता है।

पतंजलि योगसूत्र के अनुसार:

“योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः” – अर्थात् योग चित्त की वृत्तियों का निरोध है।


2. योग का इतिहास

योग की उत्पत्ति भारत में हजारों वर्षों पहले हुई थी। ऋषियों ने ध्यान, प्राणायाम, और आसनों के माध्यम से मनुष्य को प्रकृति और परमशक्ति से जोड़ने की विधि विकसित की। वैदिक ग्रंथों, उपनिषदों और भगवद गीता में योग का वर्णन मिलता है।

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महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पहलू:

  • ऋषि पतंजलि ने योगसूत्र की रचना की – योग के आठ अंगों का वर्णन किया।
  • भगवद गीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को “कर्मयोग, ज्ञानयोग, और भक्तियोग” की शिक्षा दी।
  • स्वामी विवेकानंद ने विश्व में योग का प्रचार किया।
  • 21 जून को "अंतरराष्ट्रीय योग दिवस" के रूप में घोषित किया गया।

3. योग के प्रकार

योग अनेक प्रकार के होते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

1. हठ योग

शरीर और मन को साधने का तरीका जिसमें आसन और प्राणायाम पर विशेष ध्यान होता है।

2. राज योग

ध्यान और आत्म-संयम के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार की ओर ले जाने वाला मार्ग।

3. कर्म योग

निःस्वार्थ भाव से कर्म करना – गीता में वर्णित प्रमुख योग।

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4. भक्तियोग

ईश्वर के प्रति प्रेम और समर्पण द्वारा मुक्ति का मार्ग।

5. ज्ञान योग

ज्ञान और विवेक के माध्यम से आत्मा और ब्रह्म को जानने की प्रक्रिया।


4. योग के लाभ

योग का अभ्यास शरीर और मन दोनों के लिए अत्यंत लाभकारी है:

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शारीरिक लाभ:

  • शरीर की लचीलापन बढ़ाता है।
  • पाचन तंत्र को सुधारता है।
  • रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
  • हृदय स्वास्थ्य बेहतर बनाता है।
  • वजन घटाने में सहायक।

मानसिक लाभ:

  • तनाव और चिंता को कम करता है।
  • एकाग्रता और स्मृति शक्ति को बढ़ाता है।
  • अवसाद से लड़ने में सहायक।
  • नींद की गुणवत्ता में सुधार।

आध्यात्मिक लाभ:

  • आत्मा से जुड़ाव महसूस होता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • आत्म-साक्षात्कार की ओर प्रेरित करता है।

5. प्रमुख योग आसन और उनका महत्व

1. ताड़ासन – शरीर को संतुलित और लंबा बनाता है।

2. वृक्षासन – संतुलन और एकाग्रता बढ़ाता है।

3. भुजंगासन – रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है।

 


4. त्रिकोणासन – शरीर की चर्बी कम करता है।

5. शवासन – पूर्ण विश्राम और मानसिक शांति देता है।

6. सूर्य नमस्कार – सम्पूर्ण शरीर का व्यायाम।


6. प्राणायाम का महत्व

प्राणायाम श्वास को नियंत्रित करने की तकनीक है। यह हमारे प्राण (life force) को जागृत करता है।

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प्रमुख प्राणायाम:

  • अनुलोम-विलोम – फेफड़ों की शक्ति बढ़ाता है।
  • कपालभाति – पेट की चर्बी घटाता है, पाचन तंत्र दुरुस्त करता है।
  • भ्रामरी – मानसिक शांति और तनाव कम करता है।
  • भस्त्रिका – ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाता है।

7. योग को जीवनशैली में कैसे शामिल करें?

  1. सुबह उठकर 30 मिनट का योग अभ्यास करें।
  2. सप्ताह में कम से कम 5 दिन योग करें।
  3. मोबाइल या टीवी से दूर रहकर ध्यान केंद्रित करें।
  4. संतुलित आहार और पर्याप्त नींद योग के साथ जरूरी है।
  5. बच्चों और परिवार के साथ योग करें – यह सामूहिक बंधन भी मजबूत करता है।

8. आधुनिक जीवन में योग की भूमिका

भागदौड़, तनाव, डिप्रेशन, मोटापा, और हृदय रोग जैसी समस्याएँ आज आम हैं। योग इन सभी के लिए एक प्राकृतिक समाधान है। डॉक्टर, वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक सभी योग के फायदों को मान्यता दे चुके हैं।

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WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने भी योग को मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्रभावी माना है।
AIIMS और IITs जैसी संस्थाओं में योग अनुसंधान अब सक्रिय रूप से हो रहा है।


9. योग और विज्ञान

  • हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के अनुसार, योग ध्यान और स्ट्रेस रिलीफ में मेडिटेशन से बेहतर काम करता है।
  • NCCIH (अमेरिका) की रिपोर्ट के अनुसार, नियमित योग से हाई ब्लड प्रेशर और टाइप 2 डायबिटीज कंट्रोल होती है।
  • AIIMS दिल्ली के एक अध्ययन में पाया गया कि योग से कैंसर मरीजों में दर्द और चिंता में कमी आई।

योग ही जीवन है

योग न केवल व्यायाम है, यह जीवन की कला है। यह हमें खुद से मिलवाता है, प्रकृति से जोड़ता है और जीवन में स्थिरता लाता है। “करो योग, रहो निरोग” केवल एक वाक्य नहीं, यह आज के युग की आवश्यकता है।



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  • योगासन के प्रकार
  • योग कैसे करें
  • योग और प्राणायाम
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