ज्येष्ठ पूर्णिमा का रहस्य: क्यों है ये दिन इतना शक्तिशाली?

 

🌕 ज्येष्ठ पूर्णिमा 2025: तिथि, महत्व, पूजा विधि और व्रत के लाभ

ज्येष्ठ पूर्णिमा का रहस्य: क्यों है ये दिन इतना शक्तिशाली?

ज्येष्ठ पूर्णिमा हिन्दू पंचांग के ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि को कहा जाता है। यह तिथि आध्यात्मिक साधना, दान-पुण्य और पवित्र स्नान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन भक्तजन गंगा स्नान, सत्यनारायण व्रत, और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।


📅 ज्येष्ठ पूर्णिमा 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

  • तारीख: 11 जून 2025, बुधवार
  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 10 जून 2025, रात 09:09 बजे
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 11 जून 2025, रात 11:14 बजे
  • पूजा मुहूर्त: सुबह 06:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक (स्थानीय पंचांग अनुसार)


🌟 ज्येष्ठ पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

सत्यनारायण व्रत:
इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुनना और व्रत करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है।
गंगा स्नान:
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर गंगा, यमुना या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना विशेष लाभदायक होता है। इसे मोक्षदायिनी स्नान कहा गया है।
पितृ तर्पण एवं श्राद्ध कर्म:
जो व्यक्ति अपने पूर्वजों के लिए तर्पण या जलदान करते हैं, उन्हें पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
दान का महत्व:
इस दिन जल, वस्त्र, पंखा, छाता, मटके, जूते-चप्पल, और शीतल पेय दान करने से अत्यधिक पुण्य प्राप्त होता है।

🙏 पूजा विधि (Puja Vidhi)

  • प्रातःकाल स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • व्रत का संकल्प लें – “मैं आज ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत रखूंगा/रखूंगी”।
  • भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा करें।
  • सत्यनारायण व्रत कथा का श्रवण करें।
  • प्रसाद में खीर, फल, पंचामृत आदि चढ़ाएं।
  • दिनभर व्रत रखकर शाम को फलाहार करें या कथा के पश्चात भोजन ग्रहण करें।
  • चंद्रमा को अर्घ्य दें।


🧘‍♂️ ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के लाभ (Benefits)

लाभविवरण
🧎‍♀️ आध्यात्मिक शुद्धिव्रत और ध्यान से मन की शुद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
🪷 पापों का क्षयपूर्व जन्मों के पाप और दोष नष्ट होते हैं।
🌊 स्नान-पुण्यगंगा आदि पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।
🌾 पारिवारिक समृद्धिव्रत से घर में सुख-शांति और लक्ष्मी का वास होता है।
🌟 पितृ दोष निवारणपितरों के लिए तर्पण करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
💧 जलदान का महत्वइस दिन जल और पंखा दान करने से अत्यधिक पुण्य मिलता है और गर्मी से पीड़ितों को राहत मिलती है।

🔭 ज्योतिष शास्त्र में महत्व

ज्योतिष अनुसार पूर्णिमा पर चंद्रमा अपनी पूर्णता पर होता है, जिससे मानसिक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है। ध्यान, साधना, और मंत्रजप का विशेष फल प्राप्त होता है। यह दिन चंद्र ग्रह दोष, मानसिक तनाव और बेचैनी से मुक्ति के लिए विशेष उपाय करने हेतु शुभ माना जाता है।

ज्येष्ठ पूर्णिमा केवल एक धार्मिक अवसर नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि, पितृ शांति और लोक कल्याण का महा पर्व है। इस दिन श्रद्धा और नियम से व्रत रखने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। आइए, इस ज्येष्ठ पूर्णिमा 2025 पर पुण्य अर्जित करें और परमात्मा का आशीर्वाद प्राप्त करें।

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